कोरबा/ब्लैकआउट न्यूज़ – (मो रफीक मेमन )Korba Lok Sabha Elections 2024 -2024 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा कांग्रेस अपने प्रत्यासियों के चयन को लगभग अंतिम रूप दे चुके है कोरबा से जहाँ भाजपा ने दुर्ग से महापौर फिर विधायक और फिर सांसद रहीं सरोज पाण्डेय का नाम जिन सुर्खियों मे है इससे कोरबा लोकसभा सीट से नाम तय होने के सीधे संकेत मिल रहे है.
Korba Lok Sabha Elections 2024
वही दूसरी और कांग्रेस की कोरबा सांसद ज्योत्स्ना चरण दास महंत को पुनः कोरबा लोकसभा से प्रत्यासी बनाये जाने की प्रबल सम्भावना नजर आ रही है सिटिंग MP होने के कारण ज्योत्सना महंत को जहाँ विरोध का सामना भी करना पड़ेगा तो वही बाहरी होने का तमगा तो साथ चल ही रहा है.
बाहरी Vs बाहरी कौन पड़ेगा भारी Korba Lok Sabha Elections 2024
अब सवाल यहाँ यह उठता है की कोरबा लोकसभा मे बाहरी प्रत्यासियों का ही बोलबाला रहा है वर्तमान सांसद ज्योत्स्ना महंत पर पहले भी बाहरी होने का आरोप लगता रहा है और निष्क्रियता का आरोप तो यहाँ तक लग चूका है की शहर मे पोस्टर वार भी हुआ था जिसमे सांसद के गुमशुदा होने के पोस्टर लगाए गए थे उसके बाद ही सांसद का कोरबा मे नजर आना शुरू हुआ था इसके पहले गाहे बगाहे ही शहर आगमन हुआ करता था निश्चित ही इसका खामियाजा भी असन्न चुनाव मे भुगतना पड़ेगा. अब देखना यह होगा की इन आरोपों से निपटने के लिए वर्तमान संसद ने क्या रणनीति बनाई है
भाजपा से सरोज के नाम से स्थानीय दिग्गज नेता मायूस Korba Lok Sabha Elections 2024
भाजपा की और से सरोज पाण्डेय का नाम लगभग तय माना जा रहा है अब सवाल ये उठता है की भाजपा के पास कोरबा लोकसभा क्षेत्र मे एक भी ऐसा नेता नहीं है जिस पर दांव लगाया जा सके कोरबा से ही कई दिग्गज लोकसभा के टिकट की आस लगाए बैठे है जिसमे कोरबा महापौर रहे जागेश लाम्बा, भाजपा के प्रदेश मंत्री विकास महतो, सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र पाण्डेय नवीन पटेल, डॉ राजीव सिंह सहित कई दिग्गज टिकट की कतार मे है जिनके हाथ निराशा लगते नजर आ रही है.
कोरबा संसदीय क्षेत्र से और भी दावेदार Korba Lok Sabha Elections 2024
हालांकि कोरबा संसदीय क्षेत्र मे कोरबा सहित मरवाही, पाली-तनाखार, कटघोरा, रामपुर, बैकुंठपुर, मानेंद्रगढ़,भरतपुर- सोनहत की विधानसभा सीटें भी आती है वहां भी टिकट चाहने वालों की लम्बी कतार है.
बाहरी प्रत्याशियों कर रहा है बोलबाला
वर्ष 1957 मे जांजगीर लोकसभा सीट अस्तित्व मे आयी तब से 5चुनाव मे लगातार कांग्रेस का कब्ज़ा रहा पहली बार आपत्काल के बाद वर्ष 1977 में जांजगीर लोकसभा मदनलाल शुक्ला जनता पार्टी से चुनाव जीत कर आए थे उसके बाद 1980 में बिलासपुर के रामगोपाल तिवारी कांग्रेस में चुनाव जीत हासिल की 84 में भी कांग्रेस के खाते में सीट गई थी फिर 1989 में भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी और कददावार नेता दिलीप सिंह जूदेव को चुनाव मैदान में उतारकर इस सीट को हथियाने में कामयाबी हासिल की थी.कोरबा लोकसभा के अस्तित्व मे आने के बाद भी यह सिलसिला जारी रहा और डॉ बंशीलाल महतो को छोड़कर सभी प्रत्यासी बाहरी ही थोपे गए है.
2024 के लोकसभा चुनाव मे भी कामोंबेश यही स्थिति बनती दिख रही है भाजपा ने सरोज पाण्डेय को मैदान मे उतरने का मन बना लिया है तो कांग्रेस फिर से ज्योत्स्ना महंत को मैदान मे उतार सकती है अब देखना यह होगा की बाहरी Vs बाहरी मे कौन किस पर रहेगा भारी.